शनिवार, 6 अगस्त 2016

एक मुलाक़ात ...

Photo Courtsey: Kunal Chatterjee
तस्वीर वाले बाबा से मुलाक़ात पुष्कर में हुई, बाबा ने सिर्फ आशीर्वाद ही नहीं दिया, बातों-बातों में मानुष जनम के कई भेद खोलते चले गए ... आप मानो तो सब कुछ और आप न मानिए तो सृष्टि में सृजन तो अपनी गति से चलता ही रहेगा।
आस्तिक या नास्तिक... आस्था या अंधविश्वास ... ये सब मानव सृजित अवधारणाएं है। आपके विश्वास से न तो मौसम की प्रकृति बदलेगी और न ही आपके अविश्वास से पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमना बंद कर देगी।
मस्त रहिए... मलंग रहिए , बस अपनी ज़िम्मेदारियों और जरूरतों में सामंजस्य बना कर रखिए... ज़िंदगी अपने आप ज़िंदगी होती जाती है ... कोई संन्यासी बनकर जीवन जीता है तो कोई जीवन में संन्यासी बनकर रहता है, या फिर कोई मस्तमौला बेफिक्री से अपनी ज़िंदगी जीता है ... लेकिन ये फैसला आपका होना चाहिए ...क्योंकि ये जीवन आपका है।

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