Photo Courtsey: Kunal Chatterjee |
आस्तिक या नास्तिक... आस्था या अंधविश्वास ... ये सब मानव सृजित अवधारणाएं है। आपके विश्वास से न तो मौसम की प्रकृति बदलेगी और न ही आपके अविश्वास से पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमना बंद कर देगी।
मस्त रहिए... मलंग रहिए , बस अपनी ज़िम्मेदारियों और जरूरतों में सामंजस्य बना कर रखिए... ज़िंदगी अपने आप ज़िंदगी होती जाती है ... कोई संन्यासी बनकर जीवन जीता है तो कोई जीवन में संन्यासी बनकर रहता है, या फिर कोई मस्तमौला बेफिक्री से अपनी ज़िंदगी जीता है ... लेकिन ये फैसला आपका होना चाहिए ...क्योंकि ये जीवन आपका है।
मस्त रहिए... मलंग रहिए , बस अपनी ज़िम्मेदारियों और जरूरतों में सामंजस्य बना कर रखिए... ज़िंदगी अपने आप ज़िंदगी होती जाती है ... कोई संन्यासी बनकर जीवन जीता है तो कोई जीवन में संन्यासी बनकर रहता है, या फिर कोई मस्तमौला बेफिक्री से अपनी ज़िंदगी जीता है ... लेकिन ये फैसला आपका होना चाहिए ...क्योंकि ये जीवन आपका है।
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