मैं एक गहरा कुआं हूं इस ज़मीन पर...
बेशुमार लड़के-लड़कियों के लिए कि उनकी प्यास बुझाता रहूं।
उसकी बेपनाह रहमत उसी तरह ज़र्रे-ज़र्रे पर बरसती है...
जैसे कुआं सबकी प्यास बुझाता है।
इतनी सी कहानी है मेरी...
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मैं दूसरों के लिए मिसाल नहीं बनना चाहता,
लेकिन शायद कुछ पढ़ने वालों को प्रेरणा मिले कि अंतिम सुख रूह और आत्मा की तस्कीन है...
खुदा की रहमत उनकी विरासत है।
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शब्द गुलज़ार साहब के हैं ...
जो बयां कर रहे हैं एक रूह की खूबसूरती को...
और ये खूबसूरत रूह ... डॉक्टर एपीेजे अब्दुल कलाम...
और ये खूबसूरत रूह ... डॉक्टर एपीेजे अब्दुल कलाम...
औऱ उनकी कहानी...
कहानी उस लड़के की जो अखबारें बेचकर अपने भाई की मदद करता था...
उसके बाद जिसकी ज़िंदगी सबके लिए एक मिसाल बन गई।
फिलहाल... रात के बारह बज चुके हैं ... एक नया दिन एक नया सूरज आपकी राह देख रहा है...
और सुबह की पहली किरण के साथ वो हमें वहां से देख रहे होंगे...
वो ज़मीन...जहां सूरज सबसे पहले अपनी आंखें खोलता है, उगते सूरज की ज़मीन पर जहां पिछले दिन का ढलता हुआ सूरज ... उन्हें अपने साथ उस वक्त ले गया जब वो अपना सबसे पसंदीदा काम कर रहे थे... जब वो छात्रों के बीच ज्ञान औऱ अनुभव बांट रहे थे... उनसे अपने सपने साझा कर रहे थे... उनके हौंसलों को एक नई उड़ान ...एक नई पहचान दे रहे थे।
देश के 11वें राष्ट्रपति भारत रत्न डॉक्टर अब्दुल कलाम ने छात्रों से संवाद के हर मौके का बेहतर से बेहतर इस्तेमाल किया। डॉक्टर कलाम शिक्षा में रचनात्मकता के हमेशा पक्षधर रहे। एक अवसर पर छात्रों से बातचीत के दौरान किताबी ज्ञान के परे शिक्षा को रचनात्मक रूप देने पर ज़ोर दिया क्योंकि रचनात्मकता सोच की तरफ जाती है। सोच से ज्ञान की प्राप्ति होती है और ज्ञान आपको महान बना देता है।
ऐसे महान इंसान डॉक्टर कलाम के व्यक्तित्व और उनकी उपलब्धियों के सामने समूचा देश उनका ऋणी है।
डॉक्टर कलाम सपनों पर भरोसा करते थे शायद तभी उन्होंने इतनी बड़ी उपलब्धियां हासिल की। उन्होंने ना सिर्फ बड़े सपने देखे बल्कि अपनी कड़ी मेहनत के बल पर उन्हें पूरा भी किया।
एक बार उन्होंने कहा था ...
मेरे पंख हैं और मैं उड़ जाउंगा, आप सब मेरे साथ उड़ान भरने के लिए तैयार हैं???
वास्तव में ... सपनों के पंख लगाकर वो सफलता की उड़ान भरते रहे और सभी को प्रेरित करते रहे खासकर बच्चों और युवाओं को... खुद में भरोसा रखने के लिए, सपने देखने के लिए... और उन्हें पूरा करने के लिए।
अलविदा डॉक्टर कलाम ...